प्रकाश संश्लेषण क्या है ? What is Photosynthesis ?
प्रकाश संश्लेषण एक महत्वपूर्ण जैव रासायनिक
अभिक्रिया है | इसमें सजीव कोशिकाओं के द्वारा सूर्य की प्रकाशीय ऊर्जा को
रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है ,इस प्रकिया में हरे पौधे सूरज के
प्रकाश की सहायता से पर्णहरित नामक वर्णक की उपस्थिति में कार्बन डाई ऑक्साइड और
पानी के द्वारा कार्बोहाइड्रेट (भोज्य पदार्थ) का निर्माण करते हैं | इस प्रक्रिया
में ऊर्जा से भरपूर कार्बोहाइड्रेट (
सुक्रोज,ग्लूकोस व स्टार्च ) का निर्माण होता है और उप - उत्पाद ऑक्सीजन (O2) गैस बाहर निकलती है जिसमें दुनिया
के सभी जीव आश्रित होते हैं |
प्रकाश संश्लेषण
अभिक्रिया का समीकरण
6 CO2 + 12
H2O + प्रकाश + क्लोरोफिल → C6H12O6 + 6 O2 + 6 H2O +
क्लोरोफिल
हरे पौधों में सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति
में कार्बन डाई ऑक्साइड के 6 व पानी के 12 अणुओं के बीच रासायनिक क्रिया होती हैं
, इस अभिक्रिया के पश्चात् ग्लूकोज का 1 अणु ,जल के 6 अणु व ऑक्सीजन के 6 अणु
उत्पन्न होते है | इस क्रिया का मुख्य उत्पाद ग्लूकोज होता है जबकि उप-उत्पाद के
रूप में जल व ऑक्सीजन मुक्त होते हैं| इस प्रक्रिया में जल कोशिकाओ द्वारा अवशोषित
कर लिया जाता है और दुबारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में लग जाता है और ऑक्सीजन
वातावरण में चली जाती है जो सभी जीवित
प्राणियों द्वारा सांस के रूप में ग्रहण कर ली जाती हैं | इस
निकली हुई ऑक्सीजन का स्रोत जल के अणु होते है न की कार्बन डाई ऑक्साइड के अणु |
इस प्रकृति में हरे पौधे ही ऐसे कारक है जो
सूर्य की ऊर्जा को संचित कर सकती है | हरे पौधे द्वारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में
सूरज की विकिरण ऊर्जा का रूपांतरण रासायनिक ऊर्जा में किया जाता है जो
ग्लूकोज के रूप में संचित होता है |
हरे
पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया से प्रति वर्ष लगभग 100 टेरा वाट की
विकिरण ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा के रूप
में कार्बनिक भोज्य पदार्थों के अणुओं में संचित किया जाता है और लगभग एक हजार
करोड़ टन कार्बन को प्रति वर्ष जैव पदार्थों में बदल देता है
प्राचीन काल में यह समझा जाता था कि पौधे अपना
भोजन जड़ से प्राप्त करते है परन्तु वैज्ञानिकों के अनुसंधानों ने सिद्ध कर दिया कि
पौधे सूर्य के प्रकाश में हवा व पानी की
सहायता से अपना भोजन स्वयं बनाती है | हरे पौधे भी सभी जीवों की ही
तरह श्वसन में ऑक्सीजन गैस ही लेते है
परन्तु प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के समय ऑक्सीजन गैस छोड़ते है क्योंकि दिन के समय
सूर्य के प्रकाश में प्रकाश संश्लेषण व पौधों की श्वसन क्रिया दोनों एक साथ चल रही
होती है और प्रकाश संश्लेषण से उत्पन्न ऑक्सीजन गैस पौधे द्वारा श्वसन क्रिया में
प्रयोग होने वाली ऑक्सीजन की मात्रा से अधिक होती है अतःअधिक ऑक्सीजन उत्पन्न होने
के कारण गैस वातावरण में मुक्त होती है और
सभी जीवों द्वारा श्वसन में उपयोग की जाती है | इस प्रक्रिया में हरे पौधों के CO2
ग्रहण करने व O2 निकालने से पौधों में
स्टार्च का निर्माण होता है |
पौधों में प्रकाश संश्लेषण किस भाग में होता है?
प्रकाश संश्लेषण पौधे के हरे भाग मुख्यतया पत्तियों,कभी-
कभी हरे तने एवं पुष्प कलिकाओं में भी होता है |पत्तियों की विशिष्ट कोशिकाएँ
जिसको मीसोफिल कहा जाता है ,उनमें हरित लवक पाया जाता है ,ये ही हरितलवक प्रकाश
संश्लेषण के मुख्य केंद्र हैं|
महत्वपूर्ण तथ्य –
1-हरे पौधों में पर्णहरिम पाया जाता है ,जो सूर्य की ऊर्जा को ग्रहण,परिवर्तित व
स्थानांतरित कर सकता है इस परिवर्तित ऊर्जा का प्रयोग पृथ्वी के सभी जीवधारियों
द्वारा किया जाता है |
2-प्रकाश संश्लेषण
प्रक्रिया में प्रकाशीय ऊर्जा रासायनिक ऊर्जा में बदलती है |
3- प्रकाश संश्लेषण
की क्रिया में ऑक्सीजन गैस निकलती है जिसका उपभोग सभी जीवधारियों के
साथ साथ पौधों भी श्वसन के रूप में करते है |
4-हरे पौधे अकार्बनिक
पदार्थों से अपना भोजन स्वयं बनाते है अतः इन्हें स्वपोषी कहा जाता हैं |
5- हरे पौधे ही सौर
ऊर्जा को संचित कर सकते है अतः इस प्रकृति में जीवन तभी तक संभव है जब तक पेड़ पौधे
जीवित हैं |
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‘धन्यवाद’👍👍
5 टिप्पणियाँ
👌
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जवाब देंहटाएंVery good
जवाब देंहटाएंअति उत्तम
जवाब देंहटाएंFull knowledge about photosynthesis in simple way
जवाब देंहटाएंIf you have any doubts, Please let me know