यूनानी वर्णमाला (Greek Alphabet)
अक्सर हम
विज्ञान और गणित के किताबों में कुछ प्रतीक चिह्न(Å,ß,Ʃ,Ʊ) देखते हैं जो कुछ मापदंड
(parameter) दर्शाते हैं| परन्तु इस चिह्नों को हमने अपनी भाषा व हमारी द्वारा
प्रयोग की जाने वाली second language अंग्रेजी में नहीं देखा | आखिर ये क्या हैं? और किस भाषा
के चिह्न है ,अगर इन चिह्नों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही पोस्ट पढ़ रहे है तो आइये जाने ये चिह्न किस
भाषा के alphabet है..........
प्रायः (Å,ß,Ʃ,Ʊ) चिन्ह जो गणित और
विज्ञान के किताबों में अक्सर देखने को मिलते हैं, ये चिह्न ग्रीक भाषा के
alphabets हैं | ग्रीक भाषा एक प्राचीनतम
भाषा है जो यूनानी लोगों
द्वारा बोली जाती हैं | सबसे पुराणी ग्रीक 'मिसेनियन ग्रीक' जिसकी लिपि 'लिनियर
बी' थी | कालांतर में यह यूनान की साहित्यिक
भाषा थी | ग्रीक प्रत्येक स्वर और व्यंजन के लिए अलग अलग चिह्न वाली प्रथम व
प्राचीनतम वर्णमाला है वर्तमान में प्रचलित ग्रीक वर्णमाला का विकास माइसीनियाई
सभ्यता के पतन एवं प्राचीन यूनान के उत्कर्ष जो 800 ई.पू.प्राचीन ओलम्पिक खेलों की
शुरूआत से प्रारम्भ हुआ | वर्तमान ग्रीक भाषा को फ़ोनीशियाई वर्णमाला में स्वरों का समावेश कर इसे
पठनीय बनाया गया और ग्रीक alphabet द्वारा लिखा गया तभी से वर्तमान ग्रीक alphabet अस्तित्व में आये| वर्तमान में
यह यूनान व साइप्रस की आधिकारिक भाषा है |
अंग्रेजी की लिपि 'रोमन'और रुसी भाषा की 'सीरिलिक लिपि' दोनों यूनानी लिपि से
जन्मी हैं |वर्तमान यूनानी वर्णमाला में 24 alphabets है,जिसे अंग्रेजी भाषा के
alphabets की तरह ही uppercase व
lowercase में लिखा जाता है |
विज्ञान व गणित में
Greek Alphabet क्यों ?
प्राचीन यूनान को पश्चिमी शिक्षा का केंद्र माना जाता था |
प्राचीन यूनानी वैज्ञानिको, गणितज्ञो व
दार्शनिकों द्वारा किये गए खोजो,आविष्कारों,
प्रयोगों व दर्शन का प्रभाव आज भी दुनिया में दिखाई दे रहा है वे अपने आविष्कारों, खोजों व प्रयोगों में किसी
विशेष मापदंड के लिए अपनी ग्रीक alphabet का प्रयोग करते थे जिसका मतलब निर्धारित
होता था | अतः विज्ञान व गणित में ग्रीक
वर्णमाला के alphabet हमें अक्सर देखने को मिलते हैं |
कोरोना वायरस के वैरिएंटस का नाम Greek Alphabet में क्यों ?
वर्तमान में कोरोना वायरस के वैरिएंट के नाम भी विश्व
स्वास्थ्य संगठन द्वारा ग्रीक alphabet के अनुसार रखा गया है | 2019 में चीन के शहर वुहान से फैला कोरोना वायरस को 'चीनी
वायरस' व भारत में फैले कोरोना के 'डेल्टा वैरिएंट' को 'भारतीय
वायरस' कहे जाने पर दोनों देशों ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि कोरोना वायरस पूरे
विश्व की समस्या है इसे किसी देश से जोड़कर
देखना गलत है ,यह पूरे विश्व में उस देश के प्रति भय पैदा करता है | अतः विश्व
स्वास्थ्य संगठन को कोरोना के वरिंट्स के
नामों को ग्रीक alphabet में रखना पड़ा |
धन्यवाद
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