भारत के प्रथम चीफ़ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ (CDS )
भारत
के प्रथम chiefof defence staff (CDS) जनरल बिपिन रावत की रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज
वेलिंगटन (नीलगिरि हिल्स) जाने के दौरान तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में कुन्नूर के
पास
भारतीय
वायु सेना के MI-17 (V-5 )
हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गयी | दुर्घटना के समय हेलिकॉप्टर में बिपिन रावत के
अलावा उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित कुल 14 लोग सवार थे | भारतीय वायु सेना ने जनरल बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित कुल 13 लोगों को मृत घोषित कर दिया | दुर्घटना का कारण मौसम ख़राब
होना बताया जा रहा है,परन्तु
कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए है | यह खबर पूरे भारत
वासियों खासकर उत्तराखंडियो के लिए ह्रदय विदारक है | इस दुःखद पल आइये जाने, कौन थे भारत के प्रथम CDS जाबांज बिपिन रावत ? ...........
जनरल बिपिन रावत का संक्षिप्त जीवन परिचय -
वीरों
की भूमि ‘उत्तराखंड’ के जनपद पौड़ी में
16 मार्च 1958 को बिपिन रावत का जन्म हिन्दू गढ़वाली सैन्य परिवार में हुआ | इनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत
भी भारतीय सेना में सेवा देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल रैंक से सेवा निवृत
हुए | इनके
परिवार की कई पीढ़ियों भारतीय सेना में सर्विस करते आये है | जनरल बिपिन रावत तीसरी पीढ़ी
के ऑफिसर है | जनरल बिपिन रावत की पत्नी का नाम मधुलिका रावत था ,जो मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के राजनेता मृगेंद्र
सिंह
की
बेटी थी | बिपिन
रावत की दो बेटियाँ भी है | जिनका
नाम क्रमशः कृतिका और तारिनी हैं |
जनरल बिपिन रावत की शिक्षा -:
जनरल बिपिन रावत की प्रारम्भिक शिक्षा कैंब्रियन हिल स्कूल देहरादून व सेंट एडवर्ड
स्कूल शिमला से हुई |उसके
बाद
देहरादून
में भारतीय सैन्य अकादमी ज्वाइन की उनका भारतीय सेना से लगाव विरासत में मिला था
सेना से लगाव के कारण इन्होनें पूरा प्रशिक्षण अनुशासित ढंग से पूरा किया और
प्रशिक्षण का सर्वोच्च पुरस्कार Sword of honor प्राप्त किया | इसके अतिरिक्त विपिन रावत ने ने
देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय से रक्षा एवं प्रबंधन ,मद्रास यूनिवर्सिटी से
स्ट्रैटेजिक और डिफेन्स स्टडीज में एम फिल व चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से
पीएचडी किया है |
सेवा ,प्रमोशन व नेतृत्व -:
जनरल बिपिन रावत को
उनके
ही पिता की यूनिट 11 गोरखा
राइफल्स
की 5 वीं बटालियन में 16 दिसंबर 1978 में पहली नियुक्ति सेकंड लेफ्टिनेंट के पद पर
पूर्वी राज्य मिजोरम में मिली | जनरल बिपिन रावत ने इस
बटालियन का नेतृत्व
भी
किया और अपनी बटालियन को सर्वश्रेष्ठ बटालियन का पुरस्कार भी दिलाया मात्र
दो वर्ष बाद उनका प्रमोशन लेफ्टिनेंट पद पर हो गया| उनकी सेना के प्रति अपनी निष्ठां ,इमानदारी और समर्पण से 1984 में कैप्टन, 1989 में मेजर,1998 में लेफ्टिनेंट कर्नल, 2003 में करनल, 2007 में ब्रिगेडियर, 2011 में मेजर जनरल, 2014
में लेफ्टिनेंट जनरल ,
2017
में आर्मी चीफ व 2019
में CDS (CHIEF OF DEFENCE
STAFF) के
पदों पर नियुक्त किया गया |जनरल बिपिन रावत को सेना के अनेक पदों पर रहने से भारत देश सुरक्षा की दृष्टि से
संवेदनशील इलाकों की बखूबी जानकारी व अनुभव था उन्होंने LOC ,चीन बोडर और नार्थ ईस्ट में
लम्बा वक्त गुजरा ,पश्चिमी
आतंकवाद ,पूर्व
में जारी संघर्ष को करीब से देखा था |CDS बिपिन रावत को लेह ,लद्दाग कारगिल जैसे ऊँचे स्थानों में जंग
लड़ने में बादशाहत थी| उसी
अनुभव से उन्होंने वहाँ आतंकवादियों के सफाये के लिए कई ओपरेशन चलाये | बिपिन
रावत ने
कांगो में United
nations organisation की पीस कीपिंग फोर्स का नेतृत्व भी किया |
पुरस्कार
-;
जनरल बिपिन रावत की कुशल नेतृत्व
क्षमता ,त्वरित
निर्णय
लेने की
क्षमता (decision
making ) व देश
की सुरक्षा के प्रति समर्पण भाव के कारण उन्हें अनेकों सम्मान्नों से पुरस्कृत
किया गया |
-परम
विशिष्ट सेवा पदक
-विदेश
सेवा पदक
-उत्तम
युद्ध सेवा पदक
-घाव
पदक
-अति
विशिष्ट सेवा पदक
-मोनुस्को
पदक
-युद्ध
सेवा पदक
-विशिष्ट
सेवा पदक
-ओपरेशन
पराक्रम पदक
-आजादी
की 50 वीं वर्षगांठ पदक
इसके
अतिरिक्त इन्हें 9 वर्ष ,20
वर्ष ,30
वर्ष की लम्बी सेवा के पदकों से भी सम्मानित किया गया है|
' धन्यवाद '🙏
5 टिप्पणियाँ
Nice sir
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंEse hi gyan badhate raho
जवाब देंहटाएंGood
जवाब देंहटाएंAchchi jankai
जवाब देंहटाएंIf you have any doubts, Please let me know