तितली का जीवन चक्र ( life Cycle of a Butterfly )
अक्सर हम अपने
आस-पास विभिन्न रंगों की तितलियों को मंडराते देखते हैं ,जिन्हें देख अनायास ही
उन्हें पकड़ने को जी चाहता हैं | तितलियाँ अनेक रंगों व आकारों की होती हैं, तितली
दुनिया की सुन्दर जीवों में से एक होती है | यह जीव शाकाहारी होती हैं जो पेड़
,पौधों से अपना भोजन प्राप्त करती है | तितलियों की विश्व भर में लगभग 18000 प्रजातियाँ
पायी जाती हैं , जिनमें से भारत में लगभग 1500 प्रजातियाँ पायी जाती हैं |
दुनिया का सबसे सुन्दर जीव ‘तितली’ को इस रूप में आने के
लिए किन-किन चरणों से गुजरना होता है ,क्या आप जानते हैं? अगर नहीं तो आप बिल्कुल
सही पोस्ट पढ़ रहे हैं ,
एक तितली को वयस्क होने के लिए चार चरणों से गुजरना होता है जैसे
अंडा ,लार्वा (कैटरपिलर), प्यूपा
(क्रिसलिस) व व्यस्क तितली |
प्रथम चक्र: अंडा ( EGG )
जब एक नर तितली
अपने रंग व आकर के आधार पर मादा तितली से सम्बन्ध स्थापित करता है, तो मादा तितली
सैकड़ों अंडे देती है | मादा तितली उनमें से कुछ अन्डो को छोड़ देती हैं कुछ को उड़ते
समय गिरा देती है और कुछ अण्डों को ऐसे पौधों में रखती है जो पैदा होने वाले कैटरपिलर
का भोजन बने या छोटा लार्वा उस पौधे से भोजन प्राप्त करें | तितलियों का वर्ष में
एक बार प्रजनन का समय होता है लेकिन अनेक प्रकार की तितलियाँ होने से इनका प्रजनन
काल साल में कभी भी हो सकता है परन्तु बसंत ऋतु और पौधे के विकास के समय अधिक होता
है | तितलियों के अन्डो का जीवन काल 6 या 7
दिनों का होता हैं |
द्वितीय चक्र : लार्वा
(LARVA )
जब अंडा 5 या 6 दिन का होता है , और स्वस्थ होता
है तो उसके अन्दर का लार्वा खुद को विकसित
करने के लिए अंडे का बाहरी कवच तोड़ देता है और बाहर निकल जाता है , इसका मुख्य
ध्येय खुद को बड़ा करना होता है क्योंकि यह अंडे को तोड़ते समय आकार में बहुत छोटा
होता है व्यस्क होते तक लगभग अस्सी, नब्बे गुना तक बढ़ जाता है इसलिए वह उसी पौधे
को खाना शुरू कर देता है जिसमें वह पैदा हुआ होता है | ज्यों ही कैटरपिलर खाना
शुरू करते है वे बढ़ने लगते है कैटरपिलर का
बाहरी खोल बढ़ता नहीं है अतः कैटरपिलर खुद को बढाने के लिए कई बार पुराने खोल को
खिलाना बंद कर देती है और वें गिर जाते है | कैटरपिलर की शारीरिक बनावट वयस्क
तितली से अलग होती है कैटरपिलर की न तो पंख होते है न ही आँख | इसका चक्र लगभग दो
से तीन सप्ताह होता है |
तृतीय चक्र : प्यूपा (PUPA
)
जब एक कैटरपिलर
पूर्णतया विकसित हो जाता हैं तो वह खुद को अगले परिवर्तन के लिए प्यूपा में बदल देता है | प्यूपा देखने में
निर्जीव सा लगता है लेकिन प्यूपा के अन्दर कैटरपिलर तेजी से खुद को तितली में बदल
रहा होता है कैटरपिलर से ही तितली को बनाने वाले सुन्दर भाग बनते है प्यूपा के
अंतिम समय तक कैटरपिलर के सभी अंग बदल चुके होते है इस समय कैटरपिलर खुद को खिलाता नहीं है यह चरण तापमान और तितलियों
की प्रजातियों के आधार पर आठ से पंद्रह दिनों , हप्तों व महिनों का भी हो सकता है |
चतुर्थ चक्र : वयस्क
तितली (ADULT )
जब प्यूपा के अन्दर कैटरपिलर अपना परिवर्तन पूर्ण कर लेता है,तब पूर्ण रूप से विकसित तितली प्यूपा को तोड़कर बाहर निकलती है और कुछ आराम करने के बाद अपने पंखों में रक्त प्रवाहित करती है ताकि वह अपने भोजन के लिए उड़ सके | सामान्यतया तितली तीन चार घंटों में उड़ना सीख जाती है उसी पल से वयस्क तितली नया प्रजनन चक्र शुरू करने के लिए साथी की खोज करना प्रारम्भ कर देती है |
‘धन्यवाद’👍👍
3 टिप्पणियाँ
Nice job 🤍
जवाब देंहटाएंVery good
जवाब देंहटाएंIt tells about the life cycle of butterfly in a intresting mathod
जवाब देंहटाएंIf you have any doubts, Please let me know